आखिर जल ही जीवन क्यों है। कभी आप ने इसके बारे में सोचा है। जल ही जीवन क्यों है। जल ही जीवन का
आप( अर्थ है। मनुष्य अपना हर एक काम जल से ही करता है। वह सुबह उठता है तो सबसे पहले
जल को ही खोजता है। पृथ्वी पे सबसे महत्वपूर्ण और अनमोल चीज वह जल ही है। मनुष्य जल के बिना एक पल
भी नहीं रह सकता।
आपको पता ही होगा पृथ्वी को नीला गृह के नाम से भी जानते है। क्युकी पृथ्वी 71% सिर्फ पानी ही पानी
उसमे मनुषय उपयोगी पानी सिर्फ 3 % ही है। और हम मनुषय के लिए पानी इतना सा ही। है लेकिन
हम मनुषय पानी को इतना तेजी से बर्बाद कर रहे है। अगर ऐसे ही हम जल बर्बाद करते रहे तो। एक
पृथ्वी पे जल का नमो निशान मिट जायगा।
हर मनुष्य को एक दिन में 50 लीटर पानी ही है। लेकिन हम लोग 50 लीटर पानी सिर्फ मुँह नाक धोने में ही
बर्बाद कर देते है। एक दिन ऐसा होगा की हमारे पास पानी पिने के लिए एक बून्द भी नहीं रहेगा।
अगर जल्द जल्द पानी को बर्बाद होने से रोकना होगा। क्युकी मैंने आपको आगे ही कह चूका हु की जल ही
जीवन है। जल के बिना मनुषय एक भी नहीं रह सकता है।
जल को बर्बाद होने से कैसे रोका जाय।`
हमें पानी को हमेशा सही ढंग से इस्तमाल करना चाहिए। शावर की जगह हमें बाल्टी का use
करना चाहिए जिससे हम लगभग बहुत जल बचा सकते है।
हर एक आदमी को कम से कम पानी बर्बाद करना चाहिए।
जल प्रदूषित होने का मूल करना क्या है।
जल प्रदूषित हम मनुषय नदियों में कचड़ा फेकर जल प्रदुसित कर रहे है।
फैक्टरियों से निकलने वाली रासायनिक तत्व को हम नदियों में मिला दे रहे है जिस से जल प्रदुसित हो रहा है।
शहरो और करखनो के कचड़े और रासायिनक तत्व नदी ,नालियों में गिरया जा रहे है। जिससे हमरा
जल प्रदूषित हो रहा है। मवेशियों को नदियों में स्नान कराने से कपड़ो की सफाई करने से जल प्रदुसित हो रहा है।
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