गणतंत्र दिवस भारत का एक राष्ट्रिय पर्व है। जो प्रति वर्ष भारत में 26 January को मनाया जाता है। इस 1950 में भारत सर्कार अधिनियम एक्ट को हटाकर भारत का सविधान को लागु किया गया था। इस गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा हमारा राष्ट्रिय ध्वज को फहरया जाता है।
इसके बाद खड़े होकर राष्ट्र गान गया जाता है। और पुरे देश में इस समरोह को धूम -धाम से मनाया जाता है। इसके आलावा खास तौर पे यह समरोह सबसे धूम -धाम दिल्ली में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है।इस अवसर में महत्व चिन्हित करने के लिए
परेड किया जाता है जो इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक आयोजित किया जाता है।
इस परेड में सभी सेना स्थल सेना रेजिमेंट वायु सेना नौसेना आदि भाग लेते है। इस समरोह में भाग लेने के लिए विभिन्न विद्यालय के बच्चो आते है। इस समरोह में भाग लेना बहुत सामान की बात होती है क्युकी यह समरोह बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।
परेड प्राम्भ करते ही प्रधानमंती अमर जवान ज्योति जो एक छोर से इंडिया गेट पर स्थित है उस पर माला डालते है। इसके बाद शहीद सैनिको के समृत के लिए 2 मिनट का मौन रखा जाता है। इसके बाद प्रधनमंत्री अन्य राजपथ के साथ आते है। फिर राष्ट्रपति अन्य अतिति के साथ आते है।
गणतंत्र दिवस कैसे मनाया जाता है।
परेड सुरु होने से पहले प्रधानमंत्री अमर जवान ज्योति पर शहीद सैनको को श्रद्धांजलि देते है। राष्ट्रपति अपने 14 घोड़े के कब से अपने अंगरच्छको के साथ आते है ,और और प्रधानमंत्री उनका स्वागत करते है।
राष्ट्रिय गैन के साथ तिरंगा के साथ फूलो को हवाई जहाज के साथ उड़ाया जाता है। आकाश में त्रिकोणीय गुब्बारे के साथ और कबूतर आकाश में रहते है। बैंड धुन के साथ पुलिसकर्मी अपने हथियारों के साथ राष्ट्रपति को सलामी देते है।
इस शानदार सलामी को देखकर हर एक भारतीयों को दिल में देशभक्ति और उत्साह जागता है। हर देश के नेता इस विशेष अवसर पर अथिति सम्लित होते है।
गणतंत्र दिवस समरोह
हर साल 26 January को देशभको को श्रद्धांजलि देते हुए भारत के कोने -कोने में उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह भारत की राजधानी दिल्ली में और हर राजय और विदेशो में बड़े उत्साह और सम्मान के साथ मनाया जाता है।
26 January का मुख्य कार्यकर्म भारत की राजधानी दिल्ली में मनाया जाता है। जिसमे में विभिन्न राज्य भाग लेते और देखने के लिए आते है। परेड विजय चौक पे से शुरू होती है राजपथ पे चलकर और दिल्ली के कई इलाको से शुरू होकर लाल किला पे समापत होती है।
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